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Showing posts from December, 2023

सफलता के लिए 3 मूलमंत्र क्या हैं?

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  सफलता के लिए 3 मूलमंत्र क्या हैं? व्यक्ति सांसारिक जीवन में हो या फिर आध्यात्मिक जीवन में, उसकी एक ही कल्पना या एक ही लक्ष्य होता है कि वह अपने इस जीवन में सफल हो जाए। जिसके लिए वह कर्म भी करता है और ईश्वर से प्रार्थना भी करता है। लेकिन इसके बाद भी उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव नहीं आते हैं। जिससे व्यक्ति का ईश्वर से विश्वास उठने लगता है और वह कभी कभी अपने आपको नास्तिक दिखाने लगता है। ऐसे में हमें एक बात नहीं भूलनी चाहिए कि ईश्वर भाषा नहीं भाव को समझता है। यदि आपकी सफलता के पीछे दूसरों का हित जुड़ा है तो निश्चित ही उस काम में आपको सफलता प्राप्त होगी। शिवयोग में बताया गया है कि सफलता का मार्ग साधना, संकीर्तन और निष्काम सेवा से होकर गुजरता है। यदि इन तीनों में किसी एक की भी कमी है तो हमें लाख प्रयास के बाद भी असफलता ही हाथ लगेगी। इस लिए व्यक्ति को साधना, संकीर्तन और निष्काम सेवा करनी चाहिए, ताकि जीवन में आपको स्थायी सफलता और सुन्दर स्वास्थ्य दोनों की प्राप्ति हो सके। #successmindset #awareness #mindfulness #consciousness #sadhnasevasankirtan #shivyogwisdom #shivyogmaster #is...

सबसे बड़ा कर्मयोगी कौन है?

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  सबसे बड़ा कर्मयोगी कौन है? आध्यात्मिक दुनिया में अक्सर इस बात पर चर्चा होती रहती है कि सबसे बड़ा कर्मयोगी कौन है? वास्तव में देखा जाए तो जो व्यक्ति मन में फल की इच्छा न रखते हुए भी कर्म करता है वही सबसे बड़ा कर्मयोगी माना गया है क्योंकि वह कर्म करने के बाद अपने सारे कर्मों को ईश्वर को समर्पित कर देता है। जो सच्चा साधक होता है वह कभी भी कोई भी चिंता नहीं करता। वह तो केवल पूर्ण निष्ठा के साथ सिर्फ कर्म करता है। उसके मन में इच्छा जरूर होती है और जीवन में यह इच्छाएं होना भी जरूरी है। इसीलिए शिवयोग में कहा भी गया है कि साधक की यही पवित्र इच्छाएं उसे उसके शुभ कर्म करने की दिशा देती हैं। जो साधक सरल भाव और परिश्रम से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता है वही सफल होता है। इसलिए सिद्धों ने कहा भी है कि जीवन में सफल होने के लिए व्यक्ति को अपने सारे कर्म ईश्वर को समर्पित कर देना चाहिए, तभी उसके जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे और यह एक शिवयोगी ही कर सकता है। #karmiclessons #karmichealing #pratiprasav #sadhna #awareness #higherconsciousness #deepmeditation #positiveenergy #shivyogwisdom ...

सजगता और सकारात्मकता के लिए करें ये साधना

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  सजगता और सकारात्मकता के लिए करें ये साधना शिवयोग में प्रतिप्रसव साधना एक बहुत ही सजग और अच्छी साधना बताई गई है। क्योंकि इस साधना के माध्यम से हम इतनी आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकते हैं, जितनी हजार वर्षों के तप के बावजूद भी नहीं प्राप्त कर सकते हैं। यह साधना सामर्थ्य और आत्म-प्रबोधन का साधन होता है, जो व्यक्ति को जीवन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करने और सीखने की क्षमता प्रदान करती है। इस साधना से जीवन में कई प्रकार के अहम बदलाव देखने को मिलते हैं। प्रतिप्रसव साधना व्यक्ति की आत्म-जागरूकता को बढ़ाती है। जिससे व्यक्ति अपनी अंतरात्मा को समझता है और अपने वास्तविक लक्ष्यों की पहचान कर पाता है। प्रतिप्रसव साधना करने वाले साधक के जीवन में मानसिक तनाव कम होता है और वह जीवन में आत्मशांति और स्थिरता महसूस करता है। शिवयोग की यह साधना साधक को शारीरिक स्वास्थ्य लाभ के साथ ही साथ उसके अंदर आत्म-विश्वास की शक्ति को बढ़ाती है। यह एक ऐसी साधना है जिसके प्रभाव और शक्ति से व्यक्ति में नैतिकता और उदारता की भावना का प्रवाह होता है। जिससे वह अपने आस-पास के लोगों के प्रति सहानुभूति का भाव रखता है...