सजगता और सकारात्मकता के लिए करें ये साधना
सजगता और सकारात्मकता के लिए करें ये साधना
शिवयोग में प्रतिप्रसव साधना एक बहुत ही सजग और अच्छी साधना बताई गई है। क्योंकि इस साधना के माध्यम से हम इतनी आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकते हैं, जितनी हजार वर्षों के तप के बावजूद भी नहीं प्राप्त कर सकते हैं। यह साधना सामर्थ्य और आत्म-प्रबोधन का साधन होता है, जो व्यक्ति को जीवन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करने और सीखने की क्षमता प्रदान करती है। इस साधना से जीवन में कई प्रकार के अहम बदलाव देखने को मिलते हैं। प्रतिप्रसव साधना व्यक्ति की आत्म-जागरूकता को बढ़ाती है। जिससे व्यक्ति अपनी अंतरात्मा को समझता है और अपने वास्तविक लक्ष्यों की पहचान कर पाता है। प्रतिप्रसव साधना करने वाले साधक के जीवन में मानसिक तनाव कम होता है और वह जीवन में आत्मशांति और स्थिरता महसूस करता है। शिवयोग की यह साधना साधक को शारीरिक स्वास्थ्य लाभ के साथ ही साथ उसके अंदर आत्म-विश्वास की शक्ति को बढ़ाती है। यह एक ऐसी साधना है जिसके प्रभाव और शक्ति से व्यक्ति में नैतिकता और उदारता की भावना का प्रवाह होता है। जिससे वह अपने आस-पास के लोगों के प्रति सहानुभूति का भाव रखता है। यही वह भाव होते हैं जो किसी भी व्यक्ति के अंदर आ जाएं तो उसे शिवोहम् की अवस्था प्राप्त करने से कोई भी रोक नहीं सकता।

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