दिव्य दृष्टि पाने के लिए क्या करें ?


 

दिव्य दृष्टि पाने के लिए क्या करें ?
ईश्वर की दृष्टि से जीवन का अवलोकन का अर्थ है, जीवन को उस दृष्टि से देखना और समझना, जिस दृष्टि से ईश्वर देखते हैं। यह दृष्टि हमें सिखाती है कि हर घटना का एक उद्देश्य होता है और हमें धैर्यपूर्वक और संतुलन के साथ उसे स्वीकार करना चाहिए। यह हमें भौतिक जीवन से परे जाने और आध्यात्मिक सत्य को पहचानने में मदद करती है। जब हम जीवन को ईश्वर की दृष्टि से देखते हैं, तो हम जीवन की कठिनाइयों और चुनौतियों को समर्पण और विश्वास के साथ स्वीकार करते हैं, क्योंकि हमें पता होता है कि ईश्वर की योजना में सब कुछ अच्छा ही होगा। शिवयोग का उद्देश्य भी मनुष्य को उसकी आंतरिक शक्ति और दिव्यता का एहसास कराना है, जिसमें अवधूत बाबा शिवानंद जी और आचार्य ईशान शिवानंद जी गहन साधना प्रक्रिया द्वारा साधक के मन और चेतना को शुद्ध करते हैं। दोनों साधना के माध्यम से व्यक्ति की आंतरिक दृष्टि को जागृत करते हैं, जिससे साधक को दिव्य दृष्टि प्राप्त होती है और दिव्य चेतना से जुड़ने का अवसर मिलता है। इससे साधक संसार और जीवन को ईश्वर की दृष्टि से देखने की क्षमता विकसित कर सकता है। शिवयोग के सिद्ध गुरु द्वारा दिए गए मंत्र, ध्यान और उपदेश साधक को उसके आध्यात्मिक पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं और जब हम बाबा जी द्वारा बताईं गई साधनाओं का अभ्यास करते हैं, तो हम आंतरिक दिव्यता का अनुभव करते हैं। इस अवस्था में हम जीवन को एक उच्चतर और ईश्वरीय दृष्टिकोण से देखते हैं, जो हमें शांति, संतुलन और ज्ञान की ओर ले जाता है और हम अपने जीवन को अधिक संतुलित, प्रेममय और आध्यात्मिक बना पाते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

Embark on Your Divine Journey to Bliss, the state of Shivyog Samadhi!

HOW DIVERSITY IN SPIRITUAL EXPLORATION CAN CONTRIBUTE TO PERSONAL GROWTH

किसी को माफी करने का मायने क्या है?