जीवन में उन्नति क रहस्य क्या है?


जीवन में उन्नति क रहस्य क्या है?

शिवयोग में कहा गया है कि मनुष्य की ऊर्ध्वगति और अधोगति उसकी अपनी वाणी और भावों पर निर्भर करती है। शायद यह बात सुनकर आपको थोड़ा अटपटा लग रहा होगा, लेकिन यह सौ फीसदी सत्य है। जब व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के प्रति निगेटिव भाव न रखकर पाॅजिटिव भाव रखता है, या फिर किसी व्यक्ति को हतोत्साहित न कर, उत्साहित करने वाली वाणी बोलता है, तो ऐसे व्यक्तियों पर ईश्वर की असीम कृपा होती है। जिसके मन में कोई नकारात्मक विचार नहीं होते, उसके जीवन में भी सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। वही व्यक्ति जीवन में ऊर्ध्वगति यानि शिवोहम् की स्थिति को प्राप्त करता है। यह बात शास्त्रों में भी कही गई है कि स्वच्छ हृदय में सदैव ईश्वर का वास होता है। इसलिए एक सच्चे साधक को हर किसी जीव के प्रति प्रेम, करूणा और सहानुभूति का भाव होना चाहिए।

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