सोच का स्वास्थ्य से क्या संबंध है?

 


सोच का स्वास्थ्य से क्या संबंध है?

किसी भी व्यक्ति के जीवन की सुंदर दशा या दुर्दशा उसकी सोच और विचारों पर निर्भर करता है क्योंकि विचार ही उसके जीवन में सकारात्मकता या नकारात्मकता की दिशा को तय करते हैं। इसलिए व्यक्ति को अत्यन्त जागरूक हो कर देखना चाहिए कि उसके अंतर मन में क्या विचार चल रहे हैं? व्यक्ति को विचारों के महत्व और शक्ति को समझना चाहिए। विचारों की शक्ति सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही होती है। नकारात्मक विचार दूषित प्रभावों को आकर्षित करते हैं और साथ ही साथ जीवन में दुःख-कष्ट, बीमारी और द्वेष को उत्पन्न करते हैं। इसलिए मन को सदा ही नकारात्मक विचारों के प्रभाव से बचाना चाहिए। शुभ और अच्छे विचार मन को उच्च अवस्था में ले जाने में सक्षम होते हैं और हमारे जीवन के हर क्षेत्र में सुंदर प्रभाव डालते हैं। सच तो यह है कि हम सबके हृदय में गुरु तत्त्व या ईश्वर तत्त्व विद्यमान है जो हर क्षण हमें देख रहा है और हमारा मार्गदर्शन भी कर रहा है। हमें सदैव अपने अंतर्मन के इस मौन संवाद को सुनना चाहिए जो सदा उचित अनुचित का ज्ञान करा कर नकारात्मकता से हमारी रक्षा करता है। हमारी अंतर ध्वनि सदा सत्य बोलती है, यही हमारे गुरु या हमारे ईश्वर की वाणी है जिसका हमें सदा अनुसरण करना चाहिए।

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