क्या साधना से चरित्र निर्माण संभव है?

 



क्या साधना से चरित्र निर्माण संभव है?

अच्छी और बुरी आदतें हम सबके अंदर होती हैं, जो हमारे चरित्र को भी उजागर करती हैं। जिस व्यक्ति के अंदर बुरी आदतें होंगी, उसे समाज में मान-प्रतिष्ठा का सदैव अभाव महसूस होता रहेगा। इसके उलट जब आप बुरी आदतों को त्यागकर नई और अच्छी आदतों का निर्माण कर लेते हो तो आप खुद महसूस करोगे कि आपके सामाजिक प्रतिष्ठा में कितना बदलाव हुआ है। इस लिए व्यक्ति को अपनी पुरानी बुरी आदतों का त्याग कर ध्यान-साधना और योगा ऑफ इम्मोर्टल्स की प्रक्रिया के माध्यम से नई और अच्छी आदतों का निर्माण करना चाहिए। योगा ऑफ इम्मोर्टल्स की प्रक्रिया चरित्र निर्माण के लिए बेहद कारगर और उत्तम तरीका है। बस आपको इसके प्रोटोकाॅल्स का नियमित रूप से पालन करना होगा। इसके बाद कुछ ही महीनों में, आप खुद में और अन्य लोग आपके अंदर हुए बदलाव को महसूस करेंगे। हमारे सिद्धों ने भी अपनी बुरी आदतों को त्याग कर योगा ऑफ इमोर्टल्स की प्रक्रिया को अपने जीवन में उतार कर ही सिद्धत्व को प्राप्त किया है।

Comments

Popular posts from this blog

Embark on Your Divine Journey to Bliss, the state of Shivyog Samadhi!

HOW DIVERSITY IN SPIRITUAL EXPLORATION CAN CONTRIBUTE TO PERSONAL GROWTH

किसी को माफी करने का मायने क्या है?