क्या भाग्य कर्म पर हावी हो सकता है


 क्या भाग्य कर्म पर हावी हो सकता है

हमारे पूर्वजन्मों के कर्म का प्रभाव हमारे वर्तमान पर होता है। वैसा ही प्रभाव हमारे भाग्य का हमारे कर्मों पर भी होता है। भाग्य का निर्माण ही हमारे पूर्व जन्मों के कर्मों से होता है। क्योंकि हमारे संचित कर्म नए कर्मों से ज्यादा प्रभावी होते हैं। हमारे संचित कर्म भाग्य के रूप में हमारे जीवन मे सदैव प्रभाव डालते हैं। लेकिन हमारे वर्तमान कर्म उन संचित कर्मों की शक्ति को कम करके भाग्य को बिगड़ने नही देते हैं। यही संतुलन अगर बन जाये तो हमारा आज तो सुधर ही जाएगा, साथ ही यह हमारे भविष्य के लिए भी एक अच्छे भाग्य का निर्माण करेगा। इसी लिए योगा ऑफ इम्मोर्टल्स की प्रक्रिया के माध्यम से हम संचित कर्मों का नाश कर अपने वर्तमान को सुधार सकते हैं। क्योंकि इसके माध्यम से हम हमने पूर्व में की गई गलतियों को सुधार सकते हैं।

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