जीवन में लक्ष्य का होना क्यों जरूरी है?

 


जीवन में लक्ष्य का होना क्यों जरूरी है?
हमारे गुरुओं और सभी सिद्धों ने हमको एक ही बात बताई है - यह जीवन बहुत ही अनमोल है, इस लिए जीवन जीने के लिए लक्ष्य का होना बेहद जरूरी है। क्योंकि जिस व्यक्ति के जीवन में लक्ष्य नहीं होता है, उसी व्यक्ति के पास समाज में नकारात्मकता फैलाने और टाइम पास करने का समय होता है। ऐसा व्यक्ति किसी भी छोटी सी छोटी बात को लेकर बुरा मान जाएगा। ऐसा इसलिए होता है कि हर चीज उसकी गैरत को ललकारती है, क्योंकि उसके जीवन में कोई लक्ष्य ही नहीं है। जिस व्यक्ति के जीवन में लक्ष्य होता है, उसी का जीवन ही इस सांसार में सार्थक होता है। क्योंकि वह व्यक्ति दूसरों से प्रेम और माफ करना जानता है। इस लिए उसके जीवन में किसी भी बात को लेकर किसी से कोई शिकवा-गिला नहीं होता। क्योंकि उसके द्वारा किए जाने वाले कर्म उसके जीवन के लक्ष्य की पूर्ति के अनुरूप होते हैं। ऐसा तभी संभव हो सकता है जब आप योगा ऑफ इम्मोर्टल्स की प्रक्रिया को अपनाकर अपने लक्ष्य की पूर्ति पर ध्यान क्रेंद्रित रखने में सक्षम हो जाते हो। जैसे हनुमान जी जब लंका जा रहे थे तब बीच समुद्र में सुरसा उनको ललकारती है तो हनुमान जी उसकी बात मानकर अपना छोटा आकार करते हैं और उसके मुंह में प्रवेश कर वापस निकल आते हैं। क्योंकि उनका लक्ष्य माता सीता की खोज करना था न कि सुरसा से युद्ध लड़ना। इसी प्रकार आपको भी जीवन में एक लक्ष्य लेकर चलना होगा, नहीं तो जीवन के हर कदम पर आपको एक सुरसा मिलेगी, जो आपको ललकारेगी और आप उससे जूझ जाओगे।

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