क्या भाव की शक्ति से सबकुछ संभव है?

 


क्या भाव की शक्ति से सबकुछ संभव है?
व्यक्ति जीवन में वो सब कुछ कर सकता है जो वह करना चाहता है। क्योंकि मनुष्य के लिए कोई भी चीज असंभव नहीं है। इस संसार में मनुष्य ने ही हर असंभव से लगने वाले कार्य को संभव कर दिखाया है। क्योंकि उसके अंदर कुछ करने का या प्राप्त करने का एक भाव उत्पन्न हो चुका था। जिसके कारण वह असंभव से कार्य को भी संभव कर दिखा पाता है। शिवयोग में भी कहा गया है कि हम सब जो भी कुछ प्राप्त करते हैं उसके पीछे हमारा भाव यानि विश्वास ही होता है। विश्वास की शक्ति हमें ईश्वर से भी मिला सकती है। लेकिन हम अपने अंदर उस भाव को उत्पन्न ही नहीं होने देते हैं। धार्मिकता के चक्कर में हम अंधविश्वास में फंसकर रह गए जाते हैं। जो विश्वास हम अंधविश्वास में रखते हैं यदि वही विश्वास हम परमात्मा पर कर लें तो हम जीवन के मूल रहस्यों को समझकर मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं।

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